नीमच/ एक तरफ जिले में बेटियां मर रही हैं वहीं दूसरी तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग बेटियों के नाम पर रुपए बटोरने में लगा रहा। इस पर समाजसेवियों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अफसरों का खरी-खरी सुनाई। जवाब में अफसरों को बोलती बंद हो गई।बेटी बचाओ आंदोलन को लेकर महिला बाल विकास विभाग की कार्यशाला पर बुलाए गए समाजसेवियों ने कई प्रश्न खड़े किए। किसी ने आदिवासी गांवों में मर रही बेटियों का मसला उठाया तो किसी ने बेटी के नाम पर मांग रहे रुपयों के सही उपयोग की गारंटी की बात कही।
अफसरों द्वारा बेटियों के नाम पर आर्थिक सहयोगी की मांग रखी तो समाजसेवियों ने खूब खींचाई की। समाजसेवी किशोर जेवारिया ने कहा बेटी बचाने की बात हो रही है, उन डॉक्टरों को बुलाओ, जो सोनोग्राफी चलाकर बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। हम यहां बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, वहां गांवों में बेटियां मर रही हैं। इस बात की क्या गारंटी है कि जो रुपया समाजसेवी देंगे, उसका सही उपयोग होगा। रोटरी क्लब के डॉ. पृथ्वीसिंह वर्मा ने कहा डॉक्टर बोर्ड लगाकर रखते हैं कि भ्रूण हत्या कानूनी अपराध है लेकिन कितने अमल करते हैं।
उद्योगपति डीएस चौरडिय़ा ने 50 हजार रुपए देने की घोषणा करने के साथ ही विश्वास जताया कि कलेक्टर के नेतृत्व में रुपया सही कामों में लगेगा। वरिष्ठ नेता राधेश्याम गोयल ने कहा आज आदिवासी गांवों में लोग बीमार पड़े हैं, हमें उनकी चिंता करना चाहिए। बातें करने से काम नहीं चलेगा, काम होना चाहिए। हम उन गांवों में जाएंगे और कंबल बांटेंगे। कार्यक्रम को समाजसेवी एमएम जाधव, भाजपा नेता हेमलता धाकड़, विदिशा पाटीदार, मजहर भाई सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम में कलेक्टर लोकेश जाटव, जिपं सीईओ मालसिंह, जिला आबकारी अधिकारी यशवंत धनौरे सहित अनेक अफसर मौजू थे।
सोनोग्राफी सेंटर पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं-
समाजसेवियों ने कहा बेटी बचाने का जिम्मा तो प्रशासन ने ले लिया लेकिन सोनोग्राफी सेंटरों पर जांच के नाम पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। अभियान के पहले चरण में कार्रवाई होना थी, दूसरे जिलों में हो गई लेकिन हमारे जिले में अब तक नहीं हुई।
. . .और खामोशी से सुनते रहे अफसर-
भ्रष्टाचार, कुपोषण और बेटियों की मौत के मामले में प्रशासन पूरी तरह खामोश रहा। इस संबंध में जवाब देने की बात आई तो किसी ने कुछ नहीं कहा। महिला बाल विकास अधिकारी सुषमा भादौरिया अपनी उपलब्धि गिनाती रही, लेकिन बेटियों के मौत के मामले में उन्होंने चुप्पी साध ली
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