नोएडा, राउसं। नोएडा डायबिटिक फोरम द्वारा आयोजित स्वास्थ्य मेले में लगभग ढ़ाई हजार लोगों ने जांच कराई। स्वास्थ्य मेले में नोएडा और गाजियाबाद के आधा दर्जन से अधिक अस्पताल के चार दर्जन डाक्टरों ने अपनी सेवाएं दी। आज सुबह रन फोर हेल्थ का भी आयोजन किया,जिसमें शहर के सैकड़ों गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।
मेले के आयोजन में भारत विकास परिषद, रोर्ट्ररी क्लब नोएडा सेंर्ट्रल और नोएडा इर्न्ट्रप्रिनियोर एसोसिएशन अपना सहयोग दिया। स्वास्थ्य मेले में आने वाले लोगों की ईसीजी, ब्लड लूको, लंग्स टेस्ट, आॅख-कान-गला, अर्ल्ट्रासाउंड, बॉडी मांस इंडेक्स, इको की जांच की गई। इस मौके पर पंकज जिन्दल ने बताया कि नि:शुल्क मेगा स्वास्थ्य मेला के उद्धाटन से पूर्व रन फार हेल्थ का आयोजन किया गया, जिसकी शुरूआत नोएडा स्टेडियम से होकर सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालय पर समाप्त हुई। उन्होंने बताया कि रन फार हेल्थ में नोएडा के विभिन्न स्कूलो व कालेजों जिनमें मंगलम इन्सीट्यूट आॅफ मैनेजमैंट, ग्लोबल बिजनेस स्कूल, भावराव देवरस सरस्वती विद्यालय के छात्र, नगर की विभिन्न संस्थाओं जिनमें के लोग भारत विकास परिषद, रोर्ट्ररी क्लब नोएडा सेंर्ट्रल, नोएडा इर्न्ट्रप्रिनियोर एसोसिएशन और नोएडा डायबिटिक फोरम के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
नोएडा डायिबिटिक फोरम के अध्यक्ष डा.जी.सी.वैष्णव ने अयोजित गोष्ठी में जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा डायिबिटिक फोरम की स्थापना 1996 को 11 सदस्यों के साथ की गई थी। आज इसके सदस्यों की संख्या 800 से भी ज्यादा है। फोरम प्रत्येक महीने के तीसरे रविवार को सामाजिक संगठनो और आरण्डब्ल्यूए के साथ मिलकर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करता है। उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार विश्व में 171 मीलियन लोग डायबिटीज से पीडित है,भारत में यह संख्या 39 मीलियन के करीब है जो 2030 में बढ कर 79 मीलियन होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी बिमारी है जो लाईफ स्टाइल और खान-पान के दुष्पभाव के कारण फैलती है, आज की लाईफ स्टाइल और खान-पान जिसमें जंकफूड, कोला कल्चर, कम्पयूटर कल्चर और तनाव बच्चों में डायिबिटीज को बढा रहा है। बचपन पर डायबिटिज का साया दिखाई देने लगा है शहर के स्कूलों के तीन प्रतिशत बच्चे डायबिटिज की चपेट में है,जबकि 17 प्रतिशत मोटापे व ओवरवेट का शिकार है। नोएडा के 930 बच्चों की स्क्रिनिग में 30 बच्चों में डायिबिटिक पाया गया, जो एक दशक पूर्व एक प्रतिशत से भी कम था। अधिकाश मामले मां-बाप भी इस खतरे अंजान है। उन्हें जागरुक करने का लक्ष्य है। गोष्ठी को डॉक्टर राजीव गुप्ता,डॉ मनीषा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर डॉक्टरों को उनके योगदान सम्मानित किया गया। मेगा मेले में प्रमुख अस्पताल जिनमें कैलाश, एनएमसी, इंग्डोगल्फ ,अपोलो के अलावा गाजियाबाद से पहली बार पुष्पांजली अस्पताल के 40 डॉक्टरों ने की। इस मेले में 20 से ज्यादा फार्मास्टिकल कम्पनियों ने अपने स्टाल लगाकर दवाओं का नि:शुल्क वितरण किया।
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