सोनीपत. शहर के वैक्शन कालोनी स्थित लायंस क्लब में रविवार को बैठक बुलाई गई, जिसमें सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 पर चर्चा की गई। वक्ता डा.विकास महाजन ने कहा कि यह विधेयक मूलरूप से संविधान की अवधारणा के विरुद्ध है। मौलिक अधिकारों में हस्तक्षेप व उनका हनन करने वाला विधेयक है। इस विधेयक में समानता के अधिकारों का विरोध भी है। नाक द्वारा तैयार किया गया विधेयक असंवैधानिक है।
डा.महाजन ने कहा कि यह विधेयक समाज को दो भागों में बांट रहा है। इसे बनाने वालों का मानना है कि देश में अब तक हुए दंगे के पीछे बहुसंख्यक अर्थात हिंदुओं का हाथ है। विधेयक में कहा गया है कि देश, प्रदेश व जिला स्तर तक सदस्यों का एक प्राधिकरण होगा, जिसमें चार प्रतिनिधि होंगे। शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा।
विधेयक कानून के उल्लंघन पर गैर जमानती वारंट जारी होंगे। तीन साल से आजीवन कारावास तक की सजा होगी। जिसके विरुद्ध शिकायत होगी उसे स्वयं सिद्ध करना होगा कि वह निर्दोष है। उन्होंने कहा कि यह सब राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लोगों को आगे आना चाहिए, ताकि खुलकर इस विधेयक का विरोध किया जा सके। इस दौरान उद्योगपति राममूर्ति सरीन, स्वामी दयानंद सरस्वती, डा. शिवकुमार खंडेलवाल आदि मौजूद थे।
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