श्रीगंगानगर: भारत विकास परिषद[उत्तर प्रांत] की ओर से राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता 2011 और राष्ट्रीय संस्कृत समूहगान एवं लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन सुखवन्त पैलेस में किया गया। प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में टीमों ने भाग ले देश प्रेम से ओत प्रोत गीत सुना कर वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।
कई घंटे चले इस कार्यक्रम में गुप्ता बाल भारती स्कूल की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि सेठ मेघराज जिंदल चेरिटेबल ट्रस्ट के न्यासी बी डी अग्रवाल थे। उन्होने अपने सम्बोधन में समाज में आज जो कुछ हो रहा है उस पर चिंता जताई। उनका कहना था कि आज परिवार में दो ही बच्चे होते हैं। दोनों को पहले पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया। और बाद में पैकेज के लिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस रिवाज से ना तो बच्चों का भला हुआ ना माता पिता का। माता पिता भी अकेले बच्चे भी।
श्रीअग्रवाल ने कहा कि अपने शहर में परिवार के साथ रहकर कम आय में भी ज़िंदगी आनंद से गुजारी जा सकती है। उन्होने कहा कि अपने घर के कुछ हजार बाहर के कई लाख से बेहतर होते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि किसी समय महिलाएं कहानी सुनने,सुनाने के बहाने पीपल के वृक्ष के नीचे कई मिनट तक बैठती थी।ऐसी महिलाओं को कैंसर हो ही नहीं सकता। क्योंकि पीपल से निकालने वाली आक्सीजन कैंसर नहीं होने देती। श्रीअग्रवाल के लीक से हटकर दिये गए सम्बोधन की सभी ने तारीफ की।
श्रीअग्रवाल ने कहा कि अपने शहर में परिवार के साथ रहकर कम आय में भी ज़िंदगी आनंद से गुजारी जा सकती है। उन्होने कहा कि अपने घर के कुछ हजार बाहर के कई लाख से बेहतर होते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि किसी समय महिलाएं कहानी सुनने,सुनाने के बहाने पीपल के वृक्ष के नीचे कई मिनट तक बैठती थी।ऐसी महिलाओं को कैंसर हो ही नहीं सकता। क्योंकि पीपल से निकालने वाली आक्सीजन कैंसर नहीं होने देती। श्रीअग्रवाल के लीक से हटकर दिये गए सम्बोधन की सभी ने तारीफ की।
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