फरीदाबाद: शहर में खून की कमी से किसी व्यक्ति की जान न जाए , इसलिए जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर कई प्रयास शुरू किए हैं। 1 दिसंबर को एड्स दिवस के अवसर पर जहां पर जिला रेड क्रॉस सोसायटी ने ब्लड डोनरों के मास्टर कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस पर जिला रेडक्रॉस शहर के सभी ब्लड बैंकों को ऑनलाइन करने जा रहा है। इससे घर बैठे ही लोगों को ब्लड बैंक में खून की स्थिति और मात्रा के बारे में पता चल जाएगा और लोग आसानी से उस जगह पहुंच सकेंगे जहां से जरूरत के वक्त वे ब्लड ले सकते हैं।
सभी 9 ब्लड बैंक होंगे ऑनलाइन
जिला रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव आर . डी . शर्मा ने बताया कि जिले में 9 ब्लड बैंक हैं , जहां से लोगों को जरूरत पड़ने पर खून मिल जाता है। कई बार दुर्घटना होने पर ज्यादा ब्लड की जरूरत आ पड़ती है तो यहां वहां भटकना पड़ता है। आसपास के ब्लड बैंकों की जानकारी न होने से काफी वक्त बर्बाद हो जाता है जिससे लोगों की जान तक चली जाती है। इसलिए शहर के सभी 9 ब्लड बैंकों को 3 दिसंबर से ऑनलाइन किया जा रहा है। घर बैठे इंटरनेट पर www.faridabad.nic.in पर जाकर ब्लड बैंक के ऑप्शन पर क्लिक करते ही वहां से खून की स्थिति के बारे में जान सकेंगे। यह जानकारी भी मिल जाएगी कि बैंक में किस ब्लड ग्रुप का कितना खून मौजूद है।
ब्लड बैंक में होंगे इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड
ब्लड बैंक ऑनलाइन होने के साथ ही यहां सभी ब्लड बैंकों के बाहर इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड भी लगाए जाएंगे। कई बार देखने में आता है कि लोग ब्लड बैंकों में जाते हैं लेकिन वहां उपस्थित कर्मचारी व अधिकारी लोगों को गुमराह कर देते हैं कि उनके पास इस ब्लड ग्रुप का खून नहीं हैं। लेकिन अब ब्लड बैंकों को अपने बैंक में मौजूद खून के ग्रुप और यूनिट की जानकारी इस डिसप्ले बोर्ड पर देनी होगी। इससे सबको पता चल जाएगा कि यहां कितना ब्लड मौजूद है। आर . डी . शर्मा ने बताया कि इन सभी ब्लड बैंकों की लगातार जांच भी की जाती रहेगी कि डिसप्ले बोर्ड पर दिखाई जा रही जानकारी सही है या गलत। गलत जानकारी मिलने पर ब्लड बैंक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रेगुलर ब्लड डोनरों की डायरेक्ट्री लॉन्च होगी आज
आर . डी . शर्मा ने बताया कि ब्लड बैंकों को ऑनलाइन करने के साथ रेगुलर ब्लड डोनरों की एक डायरेक्टिरी भी लांच की जा रही है। इसमें उन लोगों के मोबाइल नंबर और ब्लड गु्रप लिखे जाएंगे जो नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। ये डायरेक्ट्री पुलिस स्टेशनों , अस्पतालों , सामाजिक संस्थाओं , ब्लड बैंकों और आम जनता के बीच बांटी जाएंगी। ताकि खून की जरूरत पड़ने पर इन लोगों से आसानी से संपर्क किया जा सके।
डोनरों को मास्टर कार्ड से मिलेगा लाभ
अभी तक अगर कोई व्यक्ति रक्तदान करता था तो उसका एक कार्ड बनाया जाता था , जिससे जरूरत पड़ने पर उस व्यक्ति को ब्लड बैंकों से खून मिल जाता था। लेकिन लोगों को शिकायत रहती है कि जब वे ब्लड बैंक में जाते हैं तो वहां उनके कार्ड की कोई डिटेल नहीं होती और उन्हें खून नहीं मिलता। लेकिन 1 दिसंबर को रेड क्रॉस ने डोनरों के मास्टर कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मास्टर कार्ड में व्यक्ति कितनी बार खून देता है और कितनी बार वह ब्लड बैंक से खून लेता है यह सब जानकारी मौजूद होगी। इसका पूरा रिकॉर्ड भी ऑनलाइन होगा।
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