नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की प्रमुख सहयोगी और पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने गुरुवार को कहा कि जो संस्थाएं उन्हें आमंत्रित करती हैं वे स्वैच्छा से बिजनेस श्रेणी (महंगे) के हवाई टिकट का खर्च देती हैं, लेकिन वह इकॉनॉमी श्रेणी (सस्ते) के टिकट पर यात्रा करती हैं और इससे जो पैसा बचता है वह उनके गैर सरकारी संगठन, इंडिया विजन फाउंडेशन में जाता है।
बेदी, एक अखबार में प्रकाशित उस रपट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें कहा गया है कि जो गैर सरकारी संगठन और संस्थाएं उन्हें संगोष्ठी या बैठकों के लिए आमंत्रित करती हैं, उनसे वह भारीभरकम यात्रा खर्च वसूलती हैं। बेदी ने कहा है कि ऐसा समाज सेवा के लिए ही किया जाता है।'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित एक रपट पर अपनी प्रतिक्रिया में बेदी ने कहा, "संस्थाएं स्वैच्छा से मुझे बिजनेस श्रेणी टिकट का भुगतान करती हैं, लेकिन मैं उन्हें विधिवत सूचित करती हूं और यात्रा खर्च बचाती हूं जो कि अच्छे कामों में जाता है। इसमें कोई निजी लाभ नहीं है।"
बेदी ने कहा कि यह बचत अच्छे काम के लिए की जाती है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है, "मैं बिजनेस श्रेणी में यात्रा न कर पैसे बचाना चाहती हूं ताकि इसे किसी अच्छे काम में खर्च किया जाए।"
अखबार ने अपने पास बिल, चालान और चेक की प्रतियां मौजूद होने का दावा किया है, जिनसे यह पता चलता है कि बेदी छूट वाले हवाई टिकट पर यात्रा करती हैं, लेकिन मेजबान संस्था से वह पूरा किराया वसूलती हैं। वीरता पुरस्कार विजेता होने के नाते बेदी को एयर इंडिया के टिकटों पर छूट मिलती है।रपट में कहा गया है कि यही नहीं बेदी बिजनेस श्रेणी का किराया वसूलती हैं, लेकिन यात्रा इकॉनॉमी श्रेणी के टिकट पर करती हैं।
रपट में सरकार द्वारा फरवरी 2001 में जारी दिशानिर्देश का जिक्र किया गया है, जिसके अनुसार वीरता पुरस्कार विजेता को एयर इंडिया के इकॉनॉमी श्रेणी टिकट पर 75 प्रतिशत छूट का प्रावधान है।
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