वे अनजान हैं कि दुनिया उनके बनाए कवर में रखती है आईपैड

प्रियंका चोपड़ा
चंडीगढ़. शहर से सटे नया गांव की 18 महिलाओं का हुनर दुनियाभर में बोल रहा है। उन्होंने कभी आईपैड का नाम नहीं सुुना। लेकिन उनके सधे हुए हाथ आईपैड का कवर बना रहे हैं। इनके खरीददार हैं ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका में। ये पहले महिलाओं के सूट बनाती थीं। सिलाई के काम में पक्की हो गईं तो बड़े ब्रांड से जुड़े ऑर्डर मिलने लगे। सिर्फ एप्पल ही नहीं, ये महिलाएं कई ब्रांडेड वाइन की बोतलों के कवर भी बनाती हैं।
सोफा या फर्नीचर बनाते वक्त जो कपड़ा या लेदर बचा रह जाता है, वही कवर के बनाने में इस्तेमाल होता है। वेस्ट सामान जमा करने का काम है ग्रुप की कॉर्डिनेटर सुखविंदर का। वह गांव के आसपास के फर्नीचर बाजार से रद्दी माल जुटाती हैं। ये महिलाएं उसमें रंग-बिरंगे कॉम्बिनेशन ढंूढती हैं। फिर तैयार किया जाता है आईपैड और वाइन बॉटल का कवर। सुखविंदर कहती हैं कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी आई थी। महिलाओं को समझाया गया कि कवर के कोने गद्दीदार बनाए जाएं। इनमें कुछ नाजुक चीजें रखी जाएंगी।

इंटरनेशनल एनजीओ 'डिवेलपिंग इन्डिजनस रिर्सोसेज इंडिया (डीआईआरआई)' की ओर से काम की पहल की गई। घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये सभी इस काम से जुड़ी हैं। सीधा-सा हिसाब है, कवर दिए और बदले में पैसे लिए। एक बैग 15 से 35 रुपए का। यह सौदा हर हफ्ते होता है।

यह खबर दिनांक 22 जनवरी को हिन्दी समाचार पत्र दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुई एवं वहीं से साभार ली गई।
Share this article :
 

Post a Comment

 
Support : Creating Website | Johny Template | Mas Template
Copyright © 2011. Angels Express - All Rights Reserved
Template Created by Creating Website Published by Mas Template
Proudly powered by Blogger