अहमदाबाद । इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के छात्र हैं सिद्धार्थ शाह। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान दुनिया के इंवेस्टमेंट बैंकों से एक ने ढाई लाख रूपए प्रतिमाह का ऑफर दिया था। सिद्धार्थ की पढ़ाई कुछ महीने में पूरी होगी। सिद्धार्थ चाहता तो ऎसे ही किसी बड़े बैंक का ऑफर स्वीकार कर प्रतिमाह मोटी तनख्वाह ले सकता था, लेकिन सिद्धार्थ का सपना खुद का बिजनेस मॉडल तैयार करना है।
इस मॉडल में भी पैसे की कोई कमी नहीं होगी, लेकिन सिद्धार्थ की तिजोरी भरने के साथ आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं घर बैठे मिलेंगी। सिद्धार्थ एक ऎसे बिजनेस मॉडल पर काम कर रहा है, जिसके तहत आम आदमी एक फोन कर 30 मिनट के भीतर डॉक्टर या दवाइयां घर बैठे पा सकेगा। सिद्धार्थ की यह योजना ठीक उसी तरह काम करेगी, जैसे घर बैठे पिज्जा मिल रहा है या रेडिओ टैक्सी।
परिवार से नहीं लूंगा मदद: सिद्धार्थ का कहना है कि कोर्स खत्म होने के बाद पहली प्राथमिकता एजुकेशन लोन चुकाना होगी। इसके बाद बिजनेस के लिए नया लोन लेकर काम शुरू किया जाएगा।
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