हिसार.
स्टीव जॉब्स की तरह कुछ नया करने की सोच रखने वाले 68 वर्षीय डॉ. लोकेश
कुमार सिंघल को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है। उन्हें
यह सम्मान विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए दिया
जा रहा है। डॉ. सिंघल कहते भी हैं कि ‘मुझे कुछ नया करने में ही आनंद आता
है।’ यही वजह है कि आज वे स्टेनलैस स्टील की अनेक नई किस्म तैयार कर चुके
हैं।
बुधवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में डॉ. सिंघल ने कहा कि भारत सरकार के
गृह सचिव की ओर भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मार्च अप्रैल 2012 में यह
सम्मान राष्ट्रपति भवन में खुद राष्ट्रपति देंगे। कार्यक्रम की तिथि या समय
अभी तय नहीं हुआ है।
डॉ. सिंघल आठ साल से जिंदल स्टेनलैस कंपनी के रिसर्च डवलपमेंट विभाग में कार्यरत हैं। इस दौरान उन्होंने स्टेनलैस स्टील की कई किस्में तैयार कीं। वर्तमान में कंपनी 50 से अधिक तरह के स्टेनलैस स्टील बना रही है। डॉ. सिंघल इन दिनों आम्र्ड व्हीकल और हेलिकॉप्टर के लिए स्टेनलैस स्टील तैयार करने में जुटे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा कॉपर जैसे गुण वाली स्टील भी तैयार करने का काम जोरों पर है।
डॉ. सिंघल आठ साल से जिंदल स्टेनलैस कंपनी के रिसर्च डवलपमेंट विभाग में कार्यरत हैं। इस दौरान उन्होंने स्टेनलैस स्टील की कई किस्में तैयार कीं। वर्तमान में कंपनी 50 से अधिक तरह के स्टेनलैस स्टील बना रही है। डॉ. सिंघल इन दिनों आम्र्ड व्हीकल और हेलिकॉप्टर के लिए स्टेनलैस स्टील तैयार करने में जुटे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा कॉपर जैसे गुण वाली स्टील भी तैयार करने का काम जोरों पर है।
- > नाम : डॉ. लोकेश कुमार सिंघल> उम्र : 68
- > काम : रिसर्च एंड डवलपमेंट विभाग, स्टेनलैस स्टील लिमिटेड, हिसार।
- > योग्यता : बीएचयू से बीएससी मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में डिग्री
- > ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी
ये हैं उपलब्धियां
- मैटीरियल साइंस पर लिखी पुस्तक अमेरिका में छपी।
- इसपुस्तक का ब्राजील में अनुवाद हुआ।
- 90 शोध पत्र प्रस्तुत किए।
- अब तक दो पुस्तकें लिखी।
- नई तरह के स्टेनलैस स्टील बनाए।
- नेशनल मेटलर्जिस्ट डे अवार्ड 1987 में मिला।
- नेशनल मेटलर्जिस्ट इंडस्ट्री अवार्ड 2008 में मिला।
- हिंदुस्तान कॉपर, नेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉपरेरेशन, सेंट्रल माइन प्लानिंग डिजाइन इंस्टीट्यूट, जिंदल आयरन, एवं स्टील कंपनी के डायरेक्टर के रूप में कर चुके हैं काम।
- मेकॉन कंपनी के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं।
- सरकार के कोइनेज कमेटी के सदस्य के नाते कॉपर निकल के सिक्कों की जगह स्वदेश में बनी फेरिटिक स्टेनलेस धातु से सिक्के तैयार करने में सफलता प्राप्त की।
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