एक ऐसी जगह, जहां मिलता है विकलांगों को सहारा

ग्वालियर। पोलियो के कारण मनीषा चलने में असमर्थ है। वह परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती, इसलिए इन दिनों कम्प्यूटर का प्रशिक्षण ले रही है। अजय भी एक पैर से लाचार है लेकिन मोबाइल में रुचि होने के कारण अब वह रिपेयरिंग कोर्स कर रहा है। इसके पीछे उसका मकसद घर खर्च में हाथ बंटाना है।
शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग युवाओं को स्वरोजगार दिलाने की यह पहल कर रहा है भास्कर सेक्टर एक में स्थित विकलांग पुनर्वास प्रशिक्षण केंद्र। मध्यभारत ईस्ट प्रांत चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित इस केंद्र में विकलांग युवाओं को मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स, सिलाई-कढ़ाई एवं कम्प्यूटर ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित हैं। इन कोर्स को पूर्णत: नि:शुल्क रखा गया है, जिसका लाभ कई युवा ले रहे हैं।

ऐसे ले सकते हैं प्रवेश

केंद्र में वर्तमान में तीन कोर्स संचालित है। इनमें सिलाई-कढ़ाई और मोबाइल रिपेयरिंग के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा कम्प्यूटर कोर्स के लिए हायर सेकेंडरी होना आवश्यक है। ये सभी नि:शुल्क कोर्स विकलांग युवाओं के लिए संचालित हैं। केंद्र में सुबह १क्.३क् से शाम पांच बजे तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ऐसे हुई स्थापना

सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद प्रतिवर्ष शहर में कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित करती है। विकलांगों की बढ़ती संख्या देखते हुए भाविप ने तीन अक्टूबर 2011 को केंद्र का शुभारंभ किया। वर्तमान में ये केंद्र मध्य भारत ईस्ट प्रांत चैरिटेबल ट्रस्ट की देखरेख में कार्य करता है। इसके अध्यक्ष महाधिवक्ता आरडी जैन, कोषाध्यक्ष वीके गोयल एवं सचिव राजीव टिबड़ीवाल है। इसके अलावा केंद्र संचालक आरबी नीरजकर है।
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